वीडियो जानकारी:<br />हार्दिक उल्लास शिविर<br />२२ सितंबर, २०१९<br />अहमदाबाद, गुजरात<br /><br />प्रसंग:<br />टोसुई का सिरका (जेन कथा)<br /><br />टोसुई एक ज़ेन गुरु थे, जिन्होंने आश्रम के पारंपरिक ढंग के जीवन को त्याग दिया था और एक पुल के नीचे भिखारियों के साथ जीवनयापन शुरू कर दिया था। जब वे बूढ़े हो रहे थे तो उनके एक मित्र ने उन्हें भिक्षा माँगे बिना कमाने के लिए चावल से सिरका बनाने की ववधि बताई। उन्होंने बाकी जीवन अपना वैसे ही सिरका बनाते-बनाते ही गुजारा।<br /><br />एक बार जब टोसुई सिरका बना रहे थे, तब उन्हें एक भिखारी ने बुद्ध की एक तस्वीर दी। टोसुई ने उसे अपनी झोपड़ी के ऊपर लगा दिया और उसके नीचे लिखा कि<br />“बुद्ध महोदय, ये कमरा काफी छोटा है, मैं तुम्हें अस्थाई रूप से यहाँ रहने दे सकता हूँ। मगर इसका मतलब ये मत समझ लेना कि मैं तुम्हें, तुम्हारे स्वर्गलोक में दुबारा जन्म लेने के लिए मदद माँग रहा हूँ।”<br /><br />कौन हैं बुद्ध?<br />क्या बुद्ध कोई व्यक्ति हैं?<br />क्या बुद्धत्व की कोई छवि होती है?<br /><br />संगीत: मिलिंद दाते